राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार द्वारा “वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग” का गठन किया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन हेतु निर्मित इस नए आयोग ने पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण प्राधिकरण (EPCA) का स्थान लिया है है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग
यह आयोग दिल्ली एनसीआर और आस-पास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के प्रबंधन में अंतरराज्यीय सहयोग तथा जन भागीदारी को सुचारू बनाने के लिए बनायी गई अन्य सभी समितियों का भी स्थान लेगा। वायु गुणवत्ता सूचकांक के बेहतर तालमेल, अनुसंधान, पहचान और वायु गुणवत्ता से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए काम करने के उद्देश्य से इस आयोग का गठन किया गया है।
इस आयोग में एक अध्यक्ष और 17 सदस्य होते हैं।
आयोग के कार्य
- आयोग के पास राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता के संरक्षण और इसमें सुधार के लिए सभी उपाय करने, निर्देश देने और शिकायतों पर कार्रवाई करने का अधिकार होगा।
- प्रदूषण संकट पर अंकुश लगाने के लिए इसके द्वारा निर्धारित निर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए आयोग को कार्यकारी अधिकार दिए गए हैं।
- आयोग पर्यावरण में विभिन्न स्रोतों से प्रदूषक तत्वों के उत्सर्जन के मानक भी तैयार करेगा।
दंड के प्रावधान
किसी प्रदूषणकारी स्थल पर कार्यवाही के दौरान बाधा उत्पन्न करने पर आयोग को आपराधिक प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 94 के तहत स्थल को बंद करने या जांच करने के संदर्भ में वारंट जारी करने की शक्ति भी दी गयी है।
- आयोग के आदेशों का पालन न करने पर जुर्माने के साथ 5 साल तक की कैद की सजा हो सकती है; और
- जुर्माने की रकम को 1 करोड़ या उससे अधिक भी किया जा सकता है;।
अध्यादेश के तहत अपराध गैर-संज्ञेय होगा; और यह राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम के तहत सुनवाई योग्य होगा।
हालिया समाचार
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने वाणिज्यिक वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद के लिए; दिल्ली के 13 टोल प्लाजा पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन प्रणाली के सख्त कार्यान्वयन के निर्देश दिये हैं।
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