धान की फसल में ब्लास्ट रोग को नियंत्रित करने के लिए किसानों को अधिक नाइट्रोजन का उपयोग न करने की सलाह दी गई है।
क्या होता है धान की फसल का ब्लास्ट रोग (Blast Disease in Paddy Crop)?
ब्लास्ट रोग धान की फसल के लिए सबसे विनाशकारी रोगों में से एक है। ब्लास्ट संक्रमण, रोपण या टिलरिंग स्टेज (जब पौधा शाखाये बनाता है) में ही पौधे को कमजोर कर देता है। इससे पौधे के विकास के बाद के चरणों में पौधे का अनाज भराव क्षेत्र हो जाता है और उपज बहुत कम हो जाती है। दिन-रात के तापमान के अधिक अंतर के कारण पत्तियों पर ओस की बुँदे जम जाती हैं; और इसप्रकार अपेक्षाकृत ठंडा तापमान इस रोग के विकास का कारण बनता है।
धान की फसल का ब्लास्ट रोग “मैग्नापोर्थ ओरिजा (Magnaporthe oryzae)” नामक फंगस के कारण होता है। यह धान के पौधे के जमीन से ऊपर के सभी को हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। यह रोग आमतौर पर उन क्षेत्रों में धान की फसल को प्रभावित करता है जहां मिट्टी में नमी कम होती है; लगातार और लंबे समय तक बौछारदार बारिश होती है और दिन में तापमान कम रहता है।
Blast disease का नियंत्रण
- Blast disease के नियंत्रण का प्राथमिक विकल्प है; कि इसके लिए ब्लास्ट रोग प्रतिरोधी किस्मों का उपयोग किया जाना चाहिए।
- रोपण समय को समायोजित किया जा सकता है; इसके यदि संभव हो तो बारिश के मौसम की शुरुआत के समय रोपाई की जाए।
- नाइट्रोजन उर्वरक का एक ही बार में अत्यधिक मात्रा में उपयोग करने की बजाय इसका दो या दो से अधिक बार में अनुप्रयोग किया जाना चाहिए; उर्वरक के अत्यधिक उपयोग से ब्लास्ट रोग की तीव्रता बढ़ सकती है।
- Blast diseases के संक्रमण को रोकने के लिए; किसानों को स्यूडोमोनस 0.2% मिश्रण का छिड़काव करना चाहिए।
- नीम लेपित नाइट्रोजनी उर्वरकों का उपयोग किया जाना चाहिए।
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