भारत में पहली बार वर्ष 2000 में सरकार ने डायरेक्ट टू होम (डीटीएच सेवा) प्रसारण सेवा सभी के लिए शुरू की थी;। डीटीएच नेटवर्क प्रसारण केंद्र उपग्रह, एनकोडर, मल्टीपिक्सर, मॉडयूलेटर और उपभोक्ताओं से मिलकर बनता है।
क्या होती है डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) सेवा?
डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) सेवा दूरदर्शन के प्रसारण की उपग्रह से सीधे घरों में की जाने वाली टीवी प्रसारण सुविधा है;। इस प्रसारण में केबल टीवी ऑपरेटर की भूमिका खत्म हो जाती है; और प्रसारणकर्ता सीधे उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान करता है।
डीटीएच सेवाएं प्रदान करने के दिशा-निर्देश
डीटीएच क्षेत्र बड़ी मात्रा में रोजगार देने वाला क्षेत्र है। यह सीधे तौर पर डीटीएच संचालकों को रोजगार देने के साथ-साथ कॉल सेंटरों में कार्यरत कर्मियों के अलावा जमीनी स्तर पर अप्रत्यक्ष रूप से काफी बड़ी संख्या में इन्सटॉलर्स को रोजगार प्रदान करता है।
स्वैच्छिक आधार पर डीटीएच संचालकों के बीच बुनियादी ढांचे को साझा करने की इच्छा रखने वाले डीटीएच संचालकों को डीटीएच प्लेटफॉर्म और टीवी चैनलों की ट्रांसपोर्ट स्ट्रीम को साझा करने की अनुमति दी जाएगी।
- लाइसेंस शुल्क वर्तमान में वार्षिक आधार के स्थान पर अब त्रिमासिक आधार पर इकट्ठा किया जाएगा।
- डीटीएच के लिए लाइसेंस वर्तमान में 10 वर्ष के लिए मिलती थी; लेकिन अब 20 वर्ष की अवधि के लिए जारी किया जाएगा।
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) सेवा में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी अभी दे दी है।
- लाइसेंस शुल्क को सकल राजस्व (GR) के 10 प्रतिशत से समायोजित सकल राजस्व (AGR) के 8 प्रतिशत तक संशोधित किया गया है।
- सकल राजस्व (GR) से जीएसटी को घटाकर एजीआर की गणना की जाएगी।
मौजूदा डीटीएच दिशा-निर्देशों में 49 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को समय-समय पर संशोधित एफडीआई के अनुसार; सरकार की वर्तमान उद्योग और आंतरिक व्यापार प्रोत्साहन विभाग (DPIIT) की नीति के अनुरूप संरेखित किया जाएगा।
दिशा-निर्देश में संशोधन
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में डायरेक्ट टू होम (डीटीएच) सेवाएं प्रदान करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने हेतु दिशा-निर्देश में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। दीर्घकालीन लाइसेंस अवधि और रिन्युअल पर स्पष्टता के साथ-साथ सरल एफडीआई सीमा जैसे वर्तमान में जारी किए गए संशोधित डीटीएच दिशा-निर्देशों से डीटीएच क्षेत्र में नए निवेश के साथ-साथ नए रोजगार अवसरों को भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।
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