भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय ‘एक विरासत अपनाएं: अपनी धरोहर, अपनी पहचान’ परियोजना का संचालन कर रहा है। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री ने कहा कि ‘एक विरासत अपनाएं: अपनी धरोहर, अपनी पहचान ’एक अच्छी परिकल्पित पहल (well-conceived initiative) है और उम्मीद है कि इसे कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) से लाभ मिलेगा। यह परियोजना कम ख्याति वाले स्मारकों में बुनियादी सुविधाओं जैसे;साफ-सफाई, स्वच्छ पेयजल, प्रकाश और ध्वनियों को उपलब्ध कराने में मदद करेगी।
‘एक विरासत अपनाएं: अपनी धरोहर, अपनी पहचान’ परियोजना
‘एक विरासत अपनाएं: अपनी धरोहर, अपनी पहचान’(Adopt a Heritage: Apni Dharohar, Apni Pehchaan) परियोजना की शुरुआत भारत सरकार द्वारा 27 सितंबर, 2017 को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर की गई थी।
इस परियोजना के तहत देशभर में अबतक 25 स्थलों और दो तकनीक हस्तक्षेपों के लिए 12 स्मारक मित्रों के साथ 27 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
यह परियोजना पूरे देश में विरासत/प्राकृतिक/पर्यटन स्थलों पर पर्यटन सुविधाओं को योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से विकसित करने और इन्हें पर्यटकों के अनुकूल बनाने के लिए पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा किया जा रहा एक सहयोगात्मक प्रयास है।
अपनी धरोहर, अपनी पहचान’ परियोजना का उद्देश्य
इस परियोजना का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ ट्रस्टों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), व्यक्तिगत और अन्य पक्षधारकों को‘स्मारक मित्र’(Monument Mitras) बनने के लिए प्रेरित करना है।
इसके अलावा, इस योजना के माध्यम से देश की विभिन्न कंपनियों को कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे अपनी रूचि और व्यवहार्यता के अनुरूप इन स्थलों पर बुनियादी और उन्नत पर्यटन सुविधाओं के विकास और उन्नयन की जिम्मेदारी धारण करें; साथ ही वे इनका संचालन और प्रबंधन का भी काम देखें।
Read more: