चाय हम लोगो की दिनचर्या की हिस्सा बन चूका है, शहरों में तो लोगो को इस की ऐसी लत लग चुकी है की वह इस की चुस्की लिए बिना एक भी दिन रहना मुस्किल है. लोगो सुबह शाम तो इसका का सेवन करते ही करते है, चाहे उसे खाना मिले न मिले लेकिन सुबह शाम चाय होना बहुत ही जरुरी है. लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है चाय पिने की शुरुवात कहा से हुई और सबसे पहले चाय को किसने पी. आईये इस मज़ेदार चीजों को बारे में हम जानते है.
चाय का आविष्कार
चाय का ये दिलचस्प इतिहास चीन से शुरू हुआ। आज से करीब 5000 साल पहले, जब एक बार चीन के सम्राट शैन नुंग अपने गार्डन में बैठे थे। उन्हें गर्म पानी पीने की आदत थी और उस दिन उनके गार्डन के एक पेड़ की कुछ पत्तियां उनके उबले पानी में आकर गिर गयी और उस पानी का रंग बदल गया लेकिन उसमें से आने वाली खुशबू इतनी अच्छी थी कि सम्राट उसे चखे बिना नहीं रह सके।
सम्राट ने वो पानी पीया, उन्हें उसका स्वाद बहुत पसंद आया और उसे पीने से उन्हें शरीर में स्फूर्ति का अहसास भी हुआ। उस समय चीन के सम्राट ने इस अनोखे पेय को “ch’a” नाम दिया जिसका चाइनीज भाषा में अर्थ होता है- चेक करना, इन्वेस्टीगेट करना। ऐसे में इस की खोज का श्रेय चीन के सम्राट शैन नुंग को दिया गया।
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1610 में डच व्यापारी चीन से चाय को यूरोप ले गए और उसके बाद धीरे-धीरे यह दुनिया के फेमस पेय पदार्थों में शामिल होती चली गयी।
भारत में 1815 में कुछ अंग्रेज यात्रियों ने असम में उगने वाली चाय की झाड़ियों को देखा जिसे वहां के कबाइली लोग पेय बनाकर पीते थे। उसके बाद भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक ने 1834 में भारत में चाय के उत्पादन के लिए कमेटी बनाई और 1835 में असम में चाय की खेती शुरू कर दी गयी।
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इस तरह चीन से भारत आयी चाय एक लम्बे समय तक उच्च वर्ग के लोगों की पसंद बनी रही और धीरे-धीरे हर वर्ग तक अपनी पहुंच बनाने वाली यह आज भारत के पसंदीदा और प्रसिद्ध पेय पदार्थों में बड़ी शान से शामिल है।
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