अनुच्छेद 107 (Article 107 in Hindi) – विधेयकों के पुरःस्थापन और पारित किए जाने के संबंध में उपबंध
(1) धन विधेयकों और अन्य वित्त विधेयकों के संबंध में अनुच्छेद 109 और अनुच्छेद 117 के उपबंधों के अधीन रहते हुए; कोई विधेयक संसद् के किसी भी सदन में आरंभ हो सकेगा।
(2) अनुच्छेद 108 और अनुच्छेद 109 के उपबंधों के अधीन रहते हुए, कोई विधेयक संसद् के सदनों द्वारा तब तक पारित किया गया नहीं समझा जाएगा जब तक संशोधन के बिना या केवल ऐसे संशोधनों सहित, जिन पर दोनों सदन सहमत हो गए हैं, उस पर दोनों सदन सहमत नहीं हो जाते हैं।
(3) संसद् में लंबित विधेयक सदनों के सत्रावसान के कारण व्यपगत नहीं होगा।
(4) राज्य सभा में लंबित विधेयक, जिसको लोक सभा ने पारित नहीं किया है; लोक सभा के विघटन पर व्यपगत नहीं होगा।
(5) कोई विधेयक जो लोक सभा में लंबित है या जो लोक सभा द्वारा पारित कर दिया गया है; और राज्य सभा में लंबित है, अनुच्छेद 108 के उपबंधों के अधीन रहते हुए, लोक सभा के विघटन पर व्यपगत हो जाएगा।
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अनुच्छेद 107 (Article 107 in Hindi) , विधेयकों के पुरःस्थापन और पारित किए जाने के संबंध में उपबंध से सम्बंधित है।