अनुच्छेद 16 (Article-16 in Hindi) – लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता
अनुच्छेद 16 (Article-16 in Hindi)
[1] राज्य के अधीन किसी पद पर नियोजन या नियुक्ति से संबंधित विषयों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समता होगी।
[2] राज्य के अधीन किसी नियोजन या पद के संबंध में केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, उद्भव, जन्मस्थान, निवास या इनमें से किसी के आधार पर न तो कोई नागरिक अपात्र होगा और न उससे विभेद किया जाएगा।
[3] इस अनुच्छेद की कोई बात संसद को कोई ऐसी विधि बनाने से निवारित नहीं करेगी जो [किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र की सरकार के या उसमें के किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अधीन वाले किसी वर्ग या वर्र्गों के पद पर नियोजन या नियुक्ति के संबंध में ऐसे नियोजन या नियुक्ति से पहले उस राज्य या संघ राज्यक्षेत्र के भीतर निवास विषयक कोई अपेक्षा विहित करती है।
इस अनुच्छेद में संसद को किसी भी प्रकार के रोजगार या नियुक्ति से पहले उस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के भीतर निवास के रूप में किसी भी स्थान पर या किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के भीतर किसी भी स्थानीय या अन्य प्राधिकरण के अंतर्गत किसी भी पद पर नियुक्ति के संबंध में कोई कानून निर्धारित करने से नहीं रोका जाएगा।
[4] राज्य को किसी भी पिछड़े वर्ग के नागरिकों के पक्ष में सरकारी नौकरियों में पदों के आरक्षण का प्रावधान करने में सक्षम बनाता है, जो राज्य की राय में राज्य की सेवाओं में पर्याप्त रूप से प्रतिनिधित्व नहीं करता है ।
- (4क) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है, राज्य के अधीन सेवाओं में ,प्रोन्नति के मामलों मेंआरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
- (4ख)अनुच्छेद की कोई बात राज्य को किसी वर्ष में किन्हीं न भरी गई ऐसी रिक्तियों को, जो खंड (4) या खंड (4क) के अधीन किए गए आरक्षण के लिए किसी उपबंध के अनुसार उस वर्ष में भरी जाने के लिए आरक्षित हैं, किसी उत्तरवर्ती वर्ष या वर्षों में भरे जाने के लिए पृथक् वर्ग की रिक्तियों के रूप में विचार करने से निवारित नहीं करेगी और ऐसे वर्ग की रिक्तियों पर उस वर्ष की रिक्तियों के साथ जिसमें वे भरी जा रही हैं, उस वर्ष की रिक्तियों की कुल संख्या के संबंध में पचास प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा का अवधारण करने के लिए विचार नहीं किया जाएगा।
[5] इस अनुच्छेद की कोई बात किसी ऐसी विधि के प्रवर्तन पर प्रभाव नहीं डालेगी जो यह उपबंध करती है कि किसी धार्मिक या सांप्रदायिक संस्था के कार्यकलाप से संबंधित कोई पदधारी या उसके शासी निकाय का कोई सदस्य किसी विशिष्ट धर्म का मानने वाला या विशिष्ट संप्रदाय का ही हो।
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अनुच्छेद 16 के अनुसार राज्य, किसी नियोजन या पद के संबंध में केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, उद्भव, जन्मस्थान, निवास या इनमें से किसी के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करेगा।