अनुच्छेद 215 (Article 215 in Hindi) – उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना
प्रत्येक उच्च न्यायालय अभिलेख न्यायालय होगा और उसको अपने अवमान के लिए दंड देने की शक्ति सहित ऐसे न्यायालय की सभी शक्तियाँ होंगी।
अनुच्छेद 215 – उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना
संविधान के अनुच्छेद 215 के अनुसार प्रत्येक राज्य के उच्च न्यायालय को अभिलेख न्यायालय के रूप में स्वीकार किया गया है। गौरतलब है कि अभिलेख न्यायालय में सभी निर्णय एवं कार्यवाहियों को प्रमाण के रूप में प्रकाशित किया जाता है और उसके निर्णय संबंधित राज्य के सभी न्यायालयों में भी माने जाते हैं। राज्य का सबसे बड़ा न्यायालय उच्च न्यायालय ही है। उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र अत्यंत ही व्यापक है।