अनुच्छेद 228 (Article 228 in Hindi) – कुछ मामलों का उच्च न्यायालय को अंतरण
यदि उच्च न्यायालय का यह समाधान हो जाता है कि उसके अधीनस्थ किसी न्यायालय में लंबित किसी मामले में इस संविधान के निर्वचन के बारे में विधि का कोई सारवान् प्रश्न अंतर्वलित है जिसका अवधारण मामले के निपटारे के लिए आवश्यक है तो वह 6*** उस मामले को अपने पास मंगा लेगा और–
- (क) मामले को स्वयं निपटा सकेगा, या
- (ख) उक्त विधि के प्रश्न का अवधारण कर सकेगा और उस मामले को ऐसे प्रश्न पर निर्णय की प्रतिलिपि सहित उस न्यायालय को, जिससे मामला इस प्रकार मँगा लिया गया है, लौटा सकेगा और उक्त न्यायालय उसके प्राप्त होने पर उस मामले को ऐसे निर्णय के अनुरूप निपटाने के लिए आगे कार्यवाही करेगा।
अनुच्छेद 228 – उच्च न्यायालय को अंतरण
संविधान के अनुच्छेद 228 के अनुसार, अगर उच्च न्यायलय को लगता है कि उसके अधीनस्थ किसी न्यायालय में लंबित किसी मामले में इस संविधान के निर्वचन के बारे में कोई प्रश्न अंतर्वलित है जिसका मामले के निपटारे के लिए आवश्यक है तो वह उस मामले को अपने पास मंगा लेगा।