अनुच्छेद 229 (Article 229 in Hindi) – उच्च न्यायालयों के अधिकारी और सेवक तथा व्यय
(1) किसी उच्च न्यायालय के अधिकारियों और सेवकों की नियुक्तियाँ उस न्यायालय का मुख्य न्यायमूर्ति करेगा या उस न्यायालय का ऐसा अन्य न्यायाधीश या अधिकारी करेगा जिसे वह निर्दिष्ट करे :
- परंतु उस राज्य का राज्यपाल नियम 2*** द्वारा यह अपेक्षा कर सकेगा कि ऐसी किन्हीं दशाओं में जो नियम में विनिर्दिष्ट की जाएँ, किसी ऐसे व्यक्ति को, जो पहले से ही न्यायालय से संलषन नहीं है, न्यायालय से संबंधित किसी पद पर राज्य लोक सेवा आयोग से परामर्श करके ही नियुक्त किया जाएगा, अन्यथा नहीं।
(2) राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई गई विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए, उच्च न्ययालय के अधिकारियों और सेवकों की सेवा की शर्तें ऐसी होंगी जो उस न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति या उस न्यायालय के ऐसे अन्य न्यायाधीश या अधिकारी द्वारा, जिसे मुख्य न्यायमूर्ति ने इस प्रयोजन के लिए नियम बनाने के लिए प्राधिकृत किया है, बनाए गए नियमों द्वारा विहित की जाएँ:
- परंतु इस खंड के अधीन बनाए गए नियमों के लिए, जहाँ तक वे वेतनों, भत्तों, छुट्टी या पेंशनों से संबंधित है, उस राज्य के राज्यपाल के 2*** अनुमोदन की अपेक्षा होगी।
(3) उच्च न्यायालय के प्रशासनिक व्यय, जिनके अंतर्गत उस न्यायालय के अधिकारियों और सेवकों को या उनके संबंध में संदेय सभी वेतन, भत्ते और पेंशन हैं, राज्य की संचित निधि पर भारित होंगे और उस न्यायालय द्वारा ली गई फीसें और अन्य धनराशियाँ उस निधि का भाग होंगी।
अनुच्छेद 229 – उच्च न्यायालयों के अधिकारी और सेवक तथा व्यय
संविधान के अनुच्छेद 229 के अनुसार, किसी उच्च न्यायालय के अधिकारियों और सेवकों की नियुक्तियाँ उस न्यायालय का मुख्य न्यायमूर्ति करेगा या उस न्यायालय का ऐसा अन्य न्यायाधीश या अधिकारी करेगा तथा प्रशासनिक व्यय (सभी वेतन, भत्ते और पेंशन हैं) राज्य की संचित निधि से दी जाएगी और न्यायालय द्वारा ली गई फीसें और अन्य धनराशियाँ उस निधि का भाग होंगी।