अनुच्छेद 67 (Article 67 in Hindi) – उपराष्ट्रपति की पदावधि
[1] उपराष्ट्रपति अपने पद ग्रहण की तारीख से पांच वर्ष की अवधि तक पद धारण करेगा: परंतु–
- उप राष्ट्रपति, राष्ट्रपति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सकेगा;
- उपराष्ट्रपति, राज्य सभा के ऐसे संकल्प द्वारा अपने पद से हटाया जा सकेगा जिसे राज्य सभा के तत्कालीन समस्त सदस्यों के बहुमत ने पारित किया है और जिससे लोकसभा सहमत है; किंतु इस खंड के प्रयोजन के लिए कई संकल्प तब तक प्रस्तावित नहीं किया जाएगा जब तक कि उस संकल्प को प्रस्तावित करने के आशय की कम से कम चौदह दिन की सूचना न दे दी गई हो;
- उपराष्ट्रपति, अपने पद की अवधि समाप्त हो जाने पर भी, तब तक पद धारण करता रहेगा जब तक उसका उत्तराधिकारी अपना पद ग्रहण नहीं कर लेता है।
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अनुच्छेद 67 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का कार्य काल 5 वर्ष का होता है। यदि इससे पहले पद खाली होता, तो नया उप-राष्ट्रपति पूरे
5 वर्ष के लिए आता है।
महाभियोग– उप राष्ट्रपति पर महाभियोग राज्य सभा से प्रारंभ होता है प्रारंभ करने के लिए 1/4 मत कि आवश्यकता है
राज्य सभा 2/3 बहुमत से पारित करके लोक सभा में भेजने से 14 दिन पूर्व इसकी सूचना उप-राष्ट्रपति को देते हैं।
यदि लोक सभा भी 2/3 बहुमत से प्रस्ताव पारित कर दे तो उप-राष्ट्रपति का पद खाली हो जाएगा।