ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के मौसम और जलवायु का अध्ययन करने के लिए 1785 में कलकत्ता और 1796 में मद्रास ऐसे स्टेशन स्थापित किए थे। 1864 में कलकत्ता में एक विनाशकारी उष्णकटिबंधीय चक्रवात और इसके बाद 1866 और 1871 में भयंकर सूखे के बाद तत्कालीन भारत सरकार ने वर्ष 1875 में कलकत्ता में भारत मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना की थी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग का मुख्यालय बाद में शिमला, फिर पूना (अब पुणे) और अंत में नई दिल्ली स्थानांतरित किया गया। यह देश की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा और मौसम विज्ञान और संबद्ध विषयों से संबंधित सभी मामलों में प्रमुख सरकारी एजेंसी है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के कार्य
इसके द्वारा निम्नलिखित कार्य किए जाते हैं-
- मौसम संबंधी प्रेक्षणों को लेना और मौसम से प्रभावित होने वाली गतिविधियों; जैसे कृषि, सिंचाई, जहाजरानी, विमानन, अपतटीय खनिज तेल की खोज, आदि के श्रेष्ठतम संचालन के लिए मौसम की वर्तमान और पूर्वानुमान संबंधी जानकारी प्रदान करना।
- उष्णकटिबंधीय चक्रवात, कालबैशाखी, धूल भरी आँधी, भारी वर्षा और बर्फ, शीत और उष्ण लहर आदि; जैसी गंभीर मौसमी परिघटनाओं की चेतावनी देना; जो जीवन और संपत्ति के विनाश के कारण बनते हैं।
- कृषि, जल संसाधन प्रबंधन, उद्योगों, खनिजतेल अन्वेषण और अन्य राष्ट्र निर्माण संबंधी गतिविधियों के लिए आवश्यक मौसम संबंधी आँकड़े प्रदान करना
- मौसम विज्ञान और संबद्ध विषयों में अनुसंधान को संचालित करना और बढ़ावा देना।
- भूकंपों के स्थान और केंद्र बिंदु का पता लगाना; और उनका पता लगाने और विकास परियोजनाओं के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में भूकंपीयता का मूल्यांकन करना।
लद्दाख में स्थापित होने वाले मौसम विज्ञान केंद्र
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में मौसम संबंधी जानकारी देने के लिए केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने एक मौसम विज्ञान केंद्र का उद्घाटन किया है। इस क्षेत्र को प्रभावित करने वाले विभिन्न प्राकृतिक खतरों और आपदाओं, भू-सामरिक महत्व, कठोर वातावरण, बदलती जलवायु को ध्यान में रखते हुए; सरकार ने लेह में इस अत्याधुनिक मौसम विज्ञान केंद्र की स्थापना की है।
लद्दाख में स्थापित यह मौसम विज्ञान केंद्र समुद्र तल से 3,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है; एवं यह भारत में सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित मौसम विज्ञान केंद्र है;। इस मौसम विज्ञान केंद्र का संचालन भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा किया जाएगा; और इस केंद्र से IMD संख्यात्मक मॉडल के आधार पर शहर-विशिष्ट पूर्वानुमान जारी करेगा।
यह केंद्र नुब्रा, चांगथांग, पैंगोंग झील, ज़ांस्कर, कारगिल, द्रास, धा-बाइमा (आर्यन घाटी), खलसी जैसे पर्यटन स्थलों के संबंध में भी मौसम पूर्वानुमान प्रदान करेगा। इसके अलावा कुछ अन्य महत्वपूर्ण सेवाएं जैसे राजमार्ग पूर्वानुमान, पर्वतारोहण के लिए पूर्वानुमान, ट्रेकिंग, कृषि, बाढ़ चेतावनी, तेज हवाओं की जानकारी, कम और उच्च तापमान आदि की सूचनाए भी प्राप्त की जा सकेगी।
Read more: