सब्जियों और फलों को देश के विभिन्न हिस्सों में पहुँचने हेतु भारतीय रेलवे, किसान रेल ट्रेनों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रही है ताकि किसानों को बेहतर दाम मिलें और फल व सब्जियों की बर्बादी को रोका जा सके। भारतीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा था कि सरकार कश्मीर से देश के विभिन्न हिस्सों में सेब के परिवहन के लिए ‘किसान रेल गाड़ियों’ (Kisan Rail) की योजना बना रही है। इसके लिए भारतीय रेलवे, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श कर रही है ।
क्या है किसान रेल (Kisan Rail)?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल के बजट में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर किसान रेल के संचालन की घोषणा की थी, ताकि फलों, सब्जियों, दूध आदि जैसे उत्पादों का त्वरित परिवहन सुनिश्चित किया जा सके। केन्द्रीय बजट 2020-21 में वित्त मंत्री ने जल्द खराब होने वाले उत्पादों जैसे दूध, मांस और मछली आदि के लिए निर्बाध नेशनल कोल्ड सप्लाई चेन बनाने की घोषणा की थी।
वर्तमान में भारतीय रेलवे चार किसान रेल ट्रेनें चला रही है:-
- पहली किसान रेल, देवलाली (नासिक, महाराष्ट्र) से दानापुर (पटना, बिहार) के बीच चली; इस रेल का उद्घाटन 07.08.2020 किया गया था; यह एक साप्ताहिक ट्रेन है। इसके बाद लोकप्रिय मांग के आधार पर इस ट्रेन को मुजफ्फरपुर (बिहार) तक बढ़ा दिया गया और इसका संचालन सप्ताह में दो बार कर दिया गया; इसके अलावा, सांगला और पुणे से इसमें लिंक कोच भी शुरू कर किए गए हैं; जो किसान रेल में मनमाड से जुड़ते हैं।
- देश की दूसरी और दक्षिण भारत की पहली किसान रेल – अनंतपुर (आंध्र प्रदेश) से आदर्श नगर दिल्ली तक चलती है; इसका उद्घाटन 09.09.2020 को किया गया था। यह एक साप्ताहिक ट्रेन है।
- तीसरी किसान रेल – बेंगलुरु (कर्नाटक) से हजरत निजामुद्दीन (दिल्ली) के बीच चलती है; इसका उद्घाटन 09.09.2020 को साप्ताहिक ट्रेन के रूप में किया गया।
- चौथा किसान रेल – नागपुर और वारुद ऑरेंज सिटी (महाराष्ट्र) से आदर्श नगर दिल्ली तक चलेगी; इसका उद्घाटन 14.10.2020 को किया गया है।
किसान रेल के लाभ
- किसान रेल के शुभारंभ के साथ भारतीय रेलवे का उद्देश्य किसानों की आय को दोगुना करने में मदद करना है।
- यह ट्रेन 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक कदम है।
- यह ट्रेन कम समय में सब्जियों, फलों जैसे जल्द खराब होने वाले कृषि उत्पादों को बाजार में लाने में मदद करेगी।
- फ्रोजन कंटेनरों वाली इस ट्रेन द्वारा जल्द खराब होने वाली खाद्य वस्तुओं जिसमें मछली, मांस और दूध शामिल है; के लिए एक निर्बाध नेशनल कोल्ड सप्लाई चेन बनाई जा सकेगी।
वर्तमान में भारतीय रेलवे चार किसान रेल ट्रेनें चला रही है; ऐसी ट्रेनों को चलाने की राष्ट्रीय स्तर पर काफी अधिक मांग है; क्योंकि किसानों को इससे लाभ मिल रहा है। किसान रेल सेवाओं का उपयोग करते हुए किसानों को और मदद तथा प्रोत्साहन देने के लिए रेल मंत्रालय और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने अधिसूचित फलों और सब्जियों (खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की ऑपरेशन ग्रीन्स – ‘टॉप टू टोटल’ योजना के तहत) की ढुलाई में 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का निर्णय लिया है; यह सब्सिडी सीधे किसान रेल को प्रदान की जाएगी।
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