लांगिट्यूडनल एजिंग स्टडीज ऑफ इंडिया(एलएएसआई) रिपोर्ट (‘एलएएसआई वेव)-1’(LASI Wave-1) में 45 वर्ष तथा उससे ऊपर के 72,250 व्यक्तियों और उनके जीवनसाथी का बेसलाइन सैम्पल(baseline sample) कवर किया गया है। इसमें 60 साल और उससे ऊपर की उम्र के 31,464 व्यक्ति तथा 75 वर्ष और उससे ऊपर की आयु के 6,749 व्यक्ति शामिल हैं। ये सैम्पल सिक्किम को छोड़कर सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों से लिए गए।
क्या है लांगिट्यूडनल एजिंग स्टडीज ऑफ इंडिया(एलएएसआई) रिपोर्ट
लांगिट्यूडनल एजिंग स्टडीज ऑफ इंडिया (Longitudinal Ageing Study of India -LASI), भारत में उम्रदराज हो रही आबादी के स्वास्थ्य, आर्थिक तथा सामाजिक निर्धारकों और इनकी परिणामों(Determinants And Consequences) की वैज्ञानिक जांच का व्यापक राष्ट्रीय सर्वे है। जिसमे 60 वर्ष से अधिक आयु के भारत के 103 मिलियन लोगों को बुढ़ापे से जुड़ी समस्या और बीमारियों को ट्रैक करने के लिए 2016 में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा इस अध्ययन को मंजूरी दी गयी थी।
एलएएसआई सर्वे को इंटरनेशलन इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज (आईआईपीएस), हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया, अमेरिका), संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) तथा राष्ट्रीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजिंग के सहयोग से तैयार किया है। एलएएसआई ने अत्याधुनिक व्यापक सर्वे प्रोटोकॉल तथा फील्ड क्रियान्वयन रणनीतियों को अपनाया है।
लांगिट्यूडनल एजिंग स्टडीज ऑफ इंडिया (एलएएसआई) रिपोर्ट के संभावित लाभ
इस रिपोर्ट से प्राप्त डाटा के माध्यम से विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में तालमेल होगा तथा अन्य विभागों, मंत्रालयों के साथ अंतर क्षेत्रीय समन्वय को प्रोत्साहन मिलेगा। वृद्धजन आबादी के देखरेख हेतु बड़ी मात्रा में कुशल श्रमबल की आवश्यकता होती जो भारत में रोजगार के अवसर समेत वृद्धजन आबादी के जीवन कि गुद्वात्ता को बढ़ाएगी। तथा इसके साथ इस रिपोर्ट से देश में बुजुर्गों की समस्याओं को समझते हुए इसके समाधान पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।
एलएएसआई रिपोर्ट से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
इस रिपोर्ट से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य निम्न है-
- इस रिपोर्ट में कहा गया है; कि भारत में 75 प्रतिशत वृद्धजन किसी न किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं।
- भारत में 40 प्रतिशत वृद्धजन को कोई न कोई दिव्यांगता है; और 20 प्रतिशत वृद्धजन मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित रोगों से ग्रसित हैं।
- भारत में वृद्धजनों की कुल जनसंख्या के 27% हिस्से में मल्टी-मार्बिटीज़ (multi-morbidities) हैं।
- सर्वेक्षण के अनुसार; लगभग 45 मिलियन वृद्धजन हृदय रोग और उच्च रक्तचाप से पीड़ित है; इसके साथ ही लगभग 20 मिलियन वृद्धजन मधुमेह से पीड़ित हैं।
- लगभग 24% बुजुर्गों को दैनिक कार्यों जैसे चलना, खाना-पीना, शौचालय इत्यादि में कठिनाई होती है।
यह भारत का पहला तथा विश्व का अब तक का सबसे बड़ा सर्वे है; जो सामाजिक, स्वास्थ्य तथा आर्थिक खुशहाली के पैमानों पर वृद्ध आबादी के लिए नीतियां और कार्यक्रम बनाने के उद्देश्य से लांगिट्यूडनल डाटाबेस प्रदान करता है।
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