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पुरापाषाण काल

Gulshan Kumar
Last updated: 2024-01-11 00:52
By Gulshan Kumar 1.6k Views
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6 Min Read

पुरापाषाण काल (Palaeolithic age in hindi) इतिहास का वह काल है जिसमे मानव का अत्यधिक जीवन पत्थरों पर आश्रित था। जैसे पत्थरों से शिकार करना, पत्थरों की गुफाओं में शरण लेना, पत्थरों से आग पैदा करना इत्यादि। इसके तीन चरण हैं, पुरा पाषाण काल (प्रौगएतिहासिक युग), मध्यपाषाण काल एवं नवपाषाण काल। जो मानव इतिहास के आरम्भ (25 लाख साल पूर्व) से लेकर काँस्य युग तक फ़ैला हुआ है।

Contents
पुरा पाषाण काल (Palaeolithic age in hindi)के प्रमुख स्थलपुरापाषाण काल से सम्बन्धित तथ्यप्रागैतिहासिक काल को निम्न भागों में वर्गीकृत किया जा सकता हैपुरापाषाण काल (Paleolithic Era)मध्यपाषाण काल (Mesolithic Era)नवपाषाण काल (Neolithic Era)पुरापाषाण काल में कितने काल होते हैं?मध्य पाषाण काल में किसकी खोज हुई?पुरापाषाण काल कब से कब तक था?पुरापाषाण युग का प्रमुख औजार क्या था?

पुरा पाषाण काल में मनुष्य अपना जीवन – यापन खाद्यान संग्रह तथा पशुओं का शिकार करके करता था। इस काल के मानव पर्वत की कन्दराओं में रहता था। पुरापाषाण काल में मानव के औजार और हथियार कुल्हाड़ी, पत्थर, तक्षणी, खुरचनी, छेदनी आदी थे, जो परिष्कृत और तीक्ष्ण नहीं थे। साथ ही आग का आविष्कार इसी काल में हुआ था।

पुरापाषाण काल में मानव कुछ पशुओं से काफी परिचित था। उनमे से बंदर, हिरण, बकरी, भैंस, गाय-बैल, नीलगाय, सुअर, बारहसिंगा, गैंडा, हाथी आदि थे, जिनके अवशेष शैलाश्रय की कलाकृतियों से उपलब्ध होते हैं। मानव कछुओं एवं मछलियों से भी परिचित था और विभिन्न प्रकार के फलों, पुष्पों ,कन्दमूल से भी परिचित था।

पुरा पाषाण काल (Palaeolithic age in hindi)के प्रमुख स्थल

  • सोहन नदी घाटी (सिंधु की छोटी सहायक नदी) से पुरापाषाण उपकरणों की खोज 1928 ई. में डी. एन. वाहिया ने की थी।
  • व्यास तथा सिरसा नदियों के तटीय क्षेत्रों से पुरापाषाण काल के प्रमुख स्थल मिले हैं।
  • पहलगांव, अडियाल,बलवाल,चौण्टारा आदि इस क्षेत्र की प्रमुख बस्तियां थी।
  • राजस्थान के थार–मरुस्थल के डीडवाना क्षेत्र में लूनी नदी, गंभीरा नदी, चंबल नदी की घाटीयों में पुरातात्विक बस्तियां प्राप्त हुई हैं।
  • गुजरात क्षेत्र में साबरमती.माही, भद्दर नदियों के किनारे पुरापाषाण कालीन बस्तियों के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
  • नर्मदा नदी क्षेत्र व विन्ध्य पर्वत माला में पुरापाषाण कालीन बस्तियों के अवशेष मिले हैं जिनमें भीमबेटका (म.प्र.) प्रसिद्ध है।
  • विन्ध्य से दक्षिण (ताप्ती , गोदावरी, भीमा, कृष्णा नदियों के किनारे) पुरापाषाणकालीन अनेक स्थल (नवासा, कोरेगांव, शिकारपुर) आदि स्थित हैं।
  • सुदूर दक्षिण में कृष्णा की सहायक नदीयों के तटों पर अनेक बस्तियों के अवशेष मिले हैं जिनमें बागलघोट, पैनियार, गुड्डियम प्रमुख हैं।
  • बिहार में रासे नदी के तट पर (सिंहभूम), बंगाल में दामोदर तथा स्वर्ण रेखा नदियों के तटों पर पुरापाषाणीय अवशेष मिले हैं।

पुरापाषाण काल से सम्बन्धित तथ्य

  • पाषाण काल की आरंभिक अवस्था अर्थात पुरापाषाण का नाम यूनानी शब्दों के आधार पर रखा गया है।
  • सबसे आदिम व्यक्ति को पुरापाषाणकालीन मानव कहा गया है।
  • भारत में ज्यातर अवशेष चमकीले पत्थर के निर्मित हैं।
  • पुरापाषाणकालीन मानव ने अग्नि जलाना सीख लिया था।
  • करनूल जिले की गुफाओं में अग्नि के चिन्ह मिले हैं ।
  • हड्डी के उपकरणों का प्रयोग ।

प्रागैतिहासिक काल को निम्न भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है

  1. पूर्व पाषाण काल
  2. मध्य पाषाण काल
  3. उत्तर पाषाण काल
  4. धातु पाषाण काल

पुरापाषाण काल (Paleolithic Era)

पुरा पाषाण काल (Palaeolithic) प्रौगएतिहासिक युग का वह समय है जब मानव ने पत्थर के औजार बनाना सबसे पहले आरम्भ किया। यह काल आधुनिक काल से 25-20 लाख साल पूर्व से लेकर 12,000 साल पूर्व तक माना जाता है। इस काल के बाद मध्यपाषाण युग का प्रारंभ हुआ जब मानव ने खेती करना शुरु किया था।

भारत में पुरापाषाण काल के अवशेष तमिल नाडु के कुरनूल, कर्नाटक के हुँस्न्गी, ओडिशा के कुलिआना, राजस्थान के डीडवानाके श्रृंगी तालाब के निकट और मध्य प्रदेश के भीमबेटका में मिलते हैं। इन अवशेषो की संख्या मध्यपाषाण काल के प्राप्त अवशेषो से बहुत कम है।

  • भारत मे इसके अवशेष सोहन, बेलन तथा नर्मदा नदी घाटी मे प्राप्त हुए है।
  • भोपाल के पास स्थित भीमबेटका नामक चित्रित गुफाए, शैलाश्रय तथा अनेक कलाकृतिया प्राप्त हुई है।
  • विशिष्ट उपकरण- हैण्ड-ऐक्स (कुल्हाड़ी), क्लीवर और स्क्रेपर आदि।

मध्यपाषाण काल (Mesolithic Era)

मध्यपाषाण काल (Mesolithic) मनुष्य के विकास का वह अध्याय है जो पुरापाषाण काल और नवपाषाण काल मे मध्य मे आता है। इतिहासकार इस काल को 12,000 साल पूर्व से लेकर 10,000 साल पूर्व तक मानते है।
12,000 साल से लेकर 10,000 साल पूर्व तक। इस युग को माइक्रोलिथ (Microlith) अथवा लधुपाषाण युग भी कहा जाता है।

नवपाषाण काल (Neolithic Era)

10,000 साल से 3300 ई.पू. तक इस काल मे मानव कृषि करना सिख गया था

यह भी पढ़ें:-

  • प्राचीन भारतीय इतिहास
  • प्राचीन भारतीय इतिहास के पुरातात्विक स्रोत
  • इतिहास का मार्क्सवादी स्कूल

इतिहास से सम्बंधित सभी आर्टिकल यहाँ से पढ़ें

पुरापाषाण काल में कितने काल होते हैं?

पुरापाषाण काल को निम्न भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है
पूर्व पाषाण काल
मध्य पाषाण काल
उत्तर पाषाण काल
धातु पाषाण काल

मध्य पाषाण काल में किसकी खोज हुई?

भारत में मध्य पाषाणकाल के बारे में जानकारी सबसे पहले 1867 ईस्वी में हुई थी। लघु पाषाणउपकरण खोज निकाले थे

पुरापाषाण काल कब से कब तक था?

यह काल आधुनिक काल से 25-20 लाख साल पूर्व से लेकर 12,000 साल पूर्व तक माना जाता है। इस काल के बाद मध्यपाषाण युग का प्रारंभ हुआ जब मानव ने खेती करना शुरु किया था।

पुरापाषाण युग का प्रमुख औजार क्या था?

इस काल का मानव कोर (Core) निर्मित औजारों का प्रयोग करता था जिस पत्थर का औजार बनता था उसके फलक (Flake) उतार कर फेंक दिए जाते थे तथा बीच के हिस्से का ही औजार बनता था।

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