जब भी वसंत का मौसम आता है तब आपने देखा होगा की पेड़ की पत्तियां हरी हो जाती हैं। लेकिन जैसे जैसे मौसम में बदलाव होता जाता है वैसे ही अपने देखा होगा की पतियों के भी रंग में बदलाव होता जाता है और धीरे-धीरे जैसे ही पतझर का मौसम आता है, पेड़ से पत्तियां झरने लग जाते है लेकिन क्या अपने कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है? क्यों पेड़ से पत्तियां खुद व खुद झर कर पेड़ से अलग हो जाते है। ऐसे में ये जानकारी आपके लिए रोचकपूर्ण होगा कि पत्तियों के ये रंग कहाँ से आते हैं और पेड़ से पत्ते क्यों गिरते हैं।
चलिए ये जानने से पहले हमें पत्तियों के बारे में ये कुछ ख़ास बातें जान लेना बहुत ही आवश्यक होगा कि जिस तरह हम मनुष्य व जीव जंतुओं के लिए जीवित रहने के लिए ऊर्जा की जरुरत होती होती है जो हमें खान-पान से मिलती है वैसे ही पेड़ों की अपनी एनर्जी व जीवित रहने के प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया से गुजरनी पड़ती है और प्रकाश संश्लेषण केवल हरी पत्तियां ही कर सकती हैं। उनमें मौजूद क्लोरोफिल की मदद से पेड़-पौधे धूप को सोख लेते हैं और पानी और कार्बन डाई ऑक्साइड को शर्करा में बदल देते हैं।
क्लोरोफिल पौधों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है इसलिए पेड़-पौधे इसका पूरा इस्तेमाल करते हैं और क्लोरोफिल को छोटे-छोटे अणुओं में बदलकर तने और जड़ों में जमा कर लेते हैं।
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पत्तियों में क्लोरोफिल के अलावा लाल और पीले पिगमेंट्स भी पाए जाते हैं लेकिन वसंत और गर्मी के मौसम में क्लोरोफिल इन दोनों रंगों पर प्रभावी हो जाता है जिसके कारण वसंत और गर्मी के मौसम में केवल हरा रंग ही दिखाई देता है जबकि अक्टूबर-नवम्बर के महीनों में क्लोरोफिल तने और जड़ों की तरफ जाने लगता है और पीला, लाल रंग सामने दिखाई देने लगता है।
जिस तरह क्लोरोफिल के कारण पत्तियों का रंग हरा होता है वैसे ही केरेटेनोइड्स के कारण पत्तियां नारंगी या सुनहरे रंग की होती हैं और एंथोसायनिस के कारण लाल और गुलाबी रंग की होती हैं।
सर्दियों में पेड़ इस प्रक्रिया को रोक देते हैं। सर्दियाँ आने से कुछ समय पहले ही दिन छोटे होने लगते हैं। इस दौरान पेड़-पौधे भी पतझड़ से मुकाबला करने के लिए खुद को पूरी तरह तैयार करने में जुट जाते हैं।
इसके अलावा पेड़ से पत्ते गिरने का का एक और कारण ये है कि कड़ाके की सर्दी में जब पानी जम जाता है तो पेड़ों को प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है। ऐसे में पत्तियों की कोई उपयोगिता नहीं रहती है इसलिए पेड़ अपनी पत्तियों को गिराकर, वसंत आने का इंतजार करते हैं।
वसंत आने पर जब दिन वापिस बड़े होने लगते हैं और तापमान बढ़ने लगता है तब तने और जड़ों में जमा क्लोरोफिल भी ऊपर आने लगता है, पेड़ हरी पत्तियों से भर जाता है और इस तरह पेड़ का सामान्य जीवन फिर से शुरू हो जाता है।
ये थे कुछ कारण जिससे पेड़ से पत्ते गिरने लग जाते है,आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट कर के बताये और दोस्तों के साथ भी यह जानकारी शेयर करें।
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