न्यूमोकोकल बीमारी ‘स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया’ या ‘न्यूमोकोकस बैक्टीरिया’ के कारण होने वाला संक्रमण है। न्यूमोकोकल न्यूमोनिया (फेफड़ों में संक्रमण), न्यूमोकोकल बीमारी का सबसे आम गंभीर रूप है।
न्यूमोकोकल बीमारी (Pneumococcal disease) क्या है?
न्यूमो कोकल रोग, दुनिया भर में पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की अधिक मृत्यु दर के लिए सर्वाधिक रूप से जिम्मेदार रोग है। भारत में वार्षिक रूप से अनुमानतः 71 प्रतिशत मौतें निमोनिया के कारण होती हैं उनमें से 57 प्रतिशत मामले गंभीर निमोनिया के होते हैं; हर साल, पांच साल से कम उम्र के लगभग 67,800 बच्चे न्यूमोकोकल बीमारियों के कारण मर जाते हैं।
कई बार यह बैक्टीरिया लोगो में बना रहता है; लेकिन उन्हें इसका संक्रमण नहीं होता है; ऐसे व्यक्ति इस बैक्टीरिया के वाहक रूप में कार्य करते हैं; मुख्य रूप से जब वे सांस लेते हैं, खाँसते या छींकते हैं, तो उनकी नाक या मुंह से बूंदों के रूप में यह बैक्टीरिया बाहर निकल कर दुसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है।
न्यूमोकोकल बीमारी के लक्षण
न्यूमोकोकल बीमारी के सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:
- बुखार और ठंड लगना
- खांसी आना
- तेज-तेज सांस लेना या सांस लेने में कठिनाई होना
- छाती में दर्द होना
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने भारत की पूर्णतः स्वदेशी रूप से विकसित न्यूमोकोकल (Pneumococcal) वैक्सीन “न्यूमोसिल (Pneumosil)” को लॉंच किया; यह वैक्सीन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित की गयी है।
न्यूमोकोकल वैक्सीन
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने द्वारा भारत के पहले स्वदेशी न्यूमोकोकल वैक्सीन ‘न्यूमोसिल’ (Pneumosil) को विकसित किया गया है। ‘न्यूमोसिल’ वैक्सीन, निमोनिया और अन्य गंभीर जानलेवा रोग जैसे मेनिन्जाइटिस और सेप्सिस इत्यादि के कारक ‘न्यूमोकोकल’ जीवाणु को लक्षित करता है।
डबल्यूएचओ द्वारा निर्धारित न्यूमोकोकल कोंजुगेट वैक्सीन ने न्यूमोकोकल विकार से होने वाली मौतों को कम करने में मदद की है लेकिन यह काफी मंहगी है जिसके कारण कई देश के लिए आसानी से सुलभ नहीं हो पाती है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित की गयी “न्यूमोसिल” वैक्सीन ऐसे देशो के लिए अधिक किफायती विकल्प प्रदान करेगी।
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