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दसवीं और बारहवीं पास करने के बाद स्टूडेंट्स कन्फ्यूज्ड हो जाते है क्योंकि बारहवीं के बाद बहुत सारे ऑप्शन मौजूद होते है। कुछ लोग टेक्निकल फ़ील्ड में अपना करियर बनाने के इच्छुक होते है तो पॉलिटेक्निक उनके लिए एक राइट ऑप्शन होता है। इसलिए वो पॉलिटेक्निक कॉलेज में एडमिशन ले लेते है। लेकिन कॉलेज से पास आउट होने के बाद वो कंफ्यूज हो जाते है कि पॉलिटेक्निक के बाद क्या करे? या पॉलिटेक्निक के बाद करियर विकल्प कौन-कौन सा है? या फिर पॉलिटेक्निक के बाद हायर स्टडीज के लिए बेहतर कोर्स का चुनाव कैसे करें?
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एक नज़र पॉलिटेक्निक डिप्लोमा पर
पॉलिटेक्निक दो शब्दों को जोड़कर बनाया गया शब्द है। “Poly + Technic” इन दोनों शब्दों के मिलने से बना है पॉलिटेक्निक और पॉलिटेक्निक का मतलब है – बहुत सारी कलाओं का संस्थान या आसान भाषा में कहें तो एक ऐसा संस्थान जहां पर अलग-अलग कलाओं के बारे में अध्ययन किया जाता है। पॉलिटेक्निक एक ऐसा संस्थान है जहां पर विद्यार्थी इंजीनियर बनने के लिए आता है और हम ये भी कह सकते है इंजीनियर बनने की पहली सीढी ही पॉलिटेक्निक होता है। जहां पर छात्र को इंजीनियरिंग की बेसिक चीज़ों के बारे में स्टडीज कराया जाता है।
पॉलिटेक्निक कैसे करें? [How to do a polytechnic?]
एक नज़र हम पॉलिटेक्निक के बेसिक के बारे में देखते है, दसवीं और बारहवीं पास करने के बाद स्टूडेंट्स के पास ज्यादातर यही सवाल होता है कि पॉलिटेक्निक कैसे करे? पॉलिटेक्निक आप सरकारी या प्राइवेट कॉलेज दोनों से कर सकते है क्युकि पॉलिटेक्निक के लिए दोनों तरह के संस्थान बेहतर होते है। लेकिन अगर आप सरकारी कॉलेज से करते है तो यह आपके लिए एक बेहतर चयन हो सकता है। सरकारी कॉलेज में प्राइवेट कॉलेज की अपेक्षा बहुत कम फीस लगती है और पढ़ाई भी बेहतर होते है।
पॉलिटेक्निक में एडमिशन लेने से पहले आपको 10 वीं कक्षा उसके आगे की कक्षा को पास करना अनिवार्य है। अगर आप प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते है तो आप सीधे किसी भी निजी संस्थानों में अपना नामांकन करवा सकते है। इस तीन वर्षीय डिप्लोमा को करने के लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम (Entrance Exam) देना होगा है जिसे हम CET यानि कॉमन एंट्रेंस टेस्ट जिसे आपको पास करना होता है अगर आप गवर्मेंट कॉलेज से डिप्लोमा करना चाहते है तो आपको इस एग्जाम में अच्छे रैंक (Rank) लाना होगा, तभी आपके अच्छा गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज (Polytechnic College) मिलेगा।
पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रम [Polytechnic Stream]
इस कोर्स अंदर बहुत सारी स्ट्रीम्स आती है जो नीचे दी गयी है। आप अपनी रूचि के अनुसार किसी भी स्ट्रीम को सेलेक्ट कर सकते है ।
- मकैनिकल इंजिनियरिंग [Mechanical Engineering]
- सिविल इंजिनियरिंग [Civil Engineering]
- ऑटोमोबाइल इंजिनियरिंग [Automobile Engineering]
- पैकेजिंग टेक्नॉलजी [Packaging Technology]
- इलेक्ट्रिकल ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजिनियरिंग [Electrical and Electronics Engineering]
- इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड कम्यूनिकेशन इंजिनियरिंग [Electronics and Communication Engineering]
- अप्लाइड इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड इंस्ट्रूमेंटेशन [Applied Electronics and Instrumentation]
- कंप्यूटर इंजिनियरिंग [Computer Engineering]
- इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी [Information Technology]
- माइनिंग इंजिनियरिंग [Mining Engineering]
- मेटलॉर्जिकल इंजिनियरिंग [Metallurgical Engineering]
- टेक्सटाइल टेक्नॉलजी [Textile Technology]
- केमिकल इंजिनियरिंग [Chemical Engineering]
- इन प्लास्टिक ऐंड पॉलिमर्स [ In- plastic and polymers]
- पेट्रोकेमिकल्स इंजिनियरिंग [Petrochemicals Engineering]
- लेटर टेक्नॉलजी [Letter technology]
- प्रिटिंग टेक्नॉलजी [Printing Technology]
- फुटवियर टेक्नॉलजी [Footwear Technology]
- आर्किटेक्चर कोर्सेज [Architecture Courses]
- एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजिनियरिंग [Aircraft in Engineering Engineering]
- मास कम्यूनिकेशन [Mass Communication]
- इंटीरियर डिजाइनिंग [Interior designing,]
- होटल मैनेजमेंट [Hotel management],
- कमर्शल ऐंड फाइन आर्ट [Commercial and Fine Art],
- ऑफिस मैनेजमेंट ऐंड कंप्यूटर ऐप्लिकेशन और कंप्यूटर साइंस इत्यादि [Office Management and Computer Applications and Computer Science etc.
पॉलिटेक्निक के बाद करियर विकल्प
डिप्लोमा पॉलिटेक्निक कोर्स के पूरा होने के बाद बहुत अच्छे करियर विकल्प और अवसर मिलते हैं। पॉलिटेक्निक डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का चयन करने का एक मुख्य कारण इसके द्वारा कम पैसे और कम समय में उत्कृष्ट करियर के अवसर उपलब्ध कराना है। पॉलिटेक्निक के बाद चाहे तो आप आगे की पढाई जारी रख सकते है या फिर गवर्नमेंट या निजी संस्थानों में जॉब पा सकते है।
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा के बाद आगे अध्ययन [ study after polytechnic diploma]
पॉलिटेक्निक एक टेक्नीकल डिप्लोमा होती है, इससे आपको अच्छी नौकरी पाने में बहुत आसानी होगी। लेकिन विभिन्न प्रकार की नौकरियों में जॉब की संभावना और हायर लेवल की नौकरियों के लिए अपनी योग्यता साबित करने के लिए डिप्लोमा करने के बाद भी अध्ययन करना जरुरी है। पॉलीटेक्निक डिप्लोमा के दौरान सम्बंधित डोमेन के व्यावहारिक पक्ष तथा आधार भूत तथ्यों पर ज्यादा जोर दिया जाता है लेकिन वे हायर लेवल की नौकरी के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं।
पॉलीटेक्निक डिप्लोमा से प्रारंभिक स्तर पर जूनियर लेवल की जॉब आसानी से पायी जा सकती है लेकिन अगर आप हायर लेवल की जॉब पाने के लिए आपको आगे की पढाई जारी रखनी पड़ेगी। इसके लिए आप निम्नांकित कोर्सेज पर विचार कर सकते हैं :-
बीटेक लेटरल एंट्री स्कीम [B. Tech Lateral Entry Scheme]
पॉलीटेक्निक डिप्लोमा धारकों के लिए सबसे लोकप्रिय और उपयुक्त विकल्प, खासकर इंजीनियरिंग डोमेन से, बी.टेक या बीई का कोर्स करना है। इस कोर्स के लिए उम्मीदवारों को कॉलेज और पाठ्यक्रम के लिए संबंधित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा। कई इंजीनियरिंग कॉलेज इंजीनियरिंग डिप्लोमा धारकों को लेटरल एंट्री एडमिशन भी प्रदान करते हैं। लेटरल एंट्री का मतलब है कि आप सीधे दूसरे वर्ष में इंजीनियरिंग कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं या बी.टेक / बीई के तीसरे सेमेस्टर में शामिल हो सकते हैं। कुछ कॉलेजों ऐसे भी जिनमे में डिप्लोमा धारकों को लेटरल एंट्री योजना के माध्यम से प्रवेश के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है।
ये निम्नलिखित टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज हैं जो पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को लेटरल एंट्री योजना के माध्यम से प्रवेश प्रदान करते हैं :-
- दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, दिल्ली
- थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पटियाला
- नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली
- केआईआईटीएस यूनिवर्सिटी, ओडिशा
- गुरु गोबिंद सिंह आईपी यूनिवर्सिटी, दिल्ली
- पंजाब टेक्नीकल यूनिवर्सिटी, जलंधर
- पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़
- गुरू नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज, लुधियाना
- डीएवी इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग और टैक्नोलॉजी, जालंधर
- इंजीनियरिंग कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे
- गुरु तेगबाहदुर प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली
- एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, नोएडा
- पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला
- हार्कोर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इंस्टिट्यूट, कानपुर
- चित्रकारा यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़
- सैंटलांगोंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, संगरूर
- एसबीएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, फिरोजपुर
स्टडी डोमेन में ग्रेजुएशन [Graduation in Study Domain]
अगर चाहे तो आप पॉलिटेक्निक डिप्लोमा के बाद अपने सम्बन्धित डोमेन में तीन साल के नियमित ग्रेजुएशन कोर्स में शामिल भी हो सकते है। यह विकल्प गैर-इंजीनियरिंग प्रोग्राम्स, बीएससी, बीए, बीसीए और बीकॉम जैसे तीन साल के रेगुलर ग्रेजुएशन प्रोग्राम्स की अपेक्षा डिप्लोमा धारकों के लिए विशेष रूप से व्यावहारिक है। लेकिन इसके लिए उम्मीदवार के पास 12 वीं का रीजल्ट तथा डिप्लोमा का सर्टिफिकेट होना आवश्यक है तभी उन्हें इसमें एडमिशन मिल सकता है।
एआईएम प्रमाणन [AIM certification]
इंजीनियरिंग डिप्लोमा धारकों के लिए एआईएम सर्टिफिकेशन कोर्स एक अच्छा विकल्प है। एएमआईआई (AMII – Associate Member of Institutes of Engineers) सर्टिफिकेशन बीई के बराबर एक प्रोफेशनल सर्टिफिकेशन डिग्री है। एआईएम सर्टिफिकेशन कोर्स को पूरा करने वाले स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग संस्थान, भारत द्वारा एआईएम प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाता है। एआईएम परीक्षा में दो खंड होते हैं और इस कोर्स को पूरा करने में लगभग 4 साल लगते हैं। लेकिन, पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को स्ट्रीम ए, यानि प्रोजेक्ट वर्क में शामिल होने की बहुत जरुरत नहीं होती है। इसलिए, वे केवल 3 वर्षों में ही एआईएम सर्टिफिकेशन कोर्स कर सकते हैं।
अगर आपको इस विकल्प के विषय में और अधिक जानकारी चाहिए तो आप www.ieindia.org पर जाकर और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
रोजगार के अवसर [Avenues of employment]
10 वीं पास करने के बाद आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे छात्रों को यह रोमांचक और आकर्षक करियर विकल्प प्रदान करता है। पॉलिटेक्निक डिप्लोमा छात्रों को बेहतरीन फ़ील्ड और विभिन्न करियर अवसर प्रदान करता है इसीलिए पॉलिटेक्निक डिप्लोमा को कई छात्र करियर के लिए बेहतरीन ऑप्शन मानते है। ऐसे में डिप्लोमा होल्डर्स पीएसयू की नौकरी कर सरकारी सेवा क्षेत्र में शामिल होने, निजी कंपनियों के साथ नौकरियाँ लेने या यहां तक कि अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने और स्व-नियोजित होने का विकल्प चुन सकते हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र / पीएसयू [Public Sector / PSUs]
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को सरकारी तथा उनके सहयोगी सार्वजनिक क्षेत्र में बहुत सारे बेहतरीन नौकरी के अवसर प्रदान किये जाते है। इस तरह की कंपनियां जूनियर लेवल पोजिशन (इंजीनियरिंग और गैर इंजीनियरिंग उम्मीदवारों दोनों के लिए) और टेकनीशियन स्तर की नौकरियों के लिए डिप्लोमा धारकों को अच्छी सैलरी के साथ जॉब प्रोवाइड करती है।
पॉलीटेक्निक डिप्लोमा ग्रेजुएट्स की भर्ती करने वाली सरकारी विभागे
- रेलवे
- भारतीय सेना
- गेल – गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड
- ओएनजीसी – तेल और प्राकृतिक गैस निगम
- डीआरडीओ – रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन
- भेल – भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड
- एनटीपीसी – नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन
- लोक कार्य विभाग
- बीएसएनएल – भारत संचार निगम लिमिटेड
- सिंचाई विभाग
- बुनियादी ढांचा विकास एजेंसियां
- एनएसएसओ – राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन
- आईपीसीएल – इंडियन पेट्रो केमिकल्स लिमिटेड
निजी क्षेत्र [Public Sector]
सार्वजनिक क्षेत्र की तरह ही निजी क्षेत्र की कंपनियां भी विशेष रूप से विनिर्माण, निर्माण और इलेक्ट्रॉनिक्स और टेकनीशियन स्तर में काम करने के लिए पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को हायर करती हैं। लेकिन यह ध्यान रखे कि ये नौकरियां जूनियर लेवल की होती हैं और इसमें प्रोमोशन के आसार बहुत ही कम होते है।
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों को भर्ती करने वाली शीर्ष निजी क्षेत्र की कंपनियां :-
- कम्प्यूटर इंजीनियरिंग फर्म – टीसीएस, एचसीएल, विप्रो, पोलारिस इत्यादि।
- ऑटोमोबाइल – मारुति सुजुकी, टोयोटा, टाटा मोटर्स, महिंद्रा, बजाज ऑटो इत्यादि।
- इलेक्ट्रिकल / पवार फर्म – टाटा पावर, बीएसईएस, सीमेंस, एल एंड टी, इत्यादि।
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग फर्म – हिंदुस्तान यूनिलीवर, एसीसी लिमिटेड, वोल्टस इत्यादि।
- एयरलाइंस – इंडिगो, स्पाइसजेट, जेट एयरवेज इत्यादि।
- निर्माण फर्म – यूनिटेक, डीएलएफ, जेपी एसोसिएटेड, जीएमआर इंफ्रा, मित्स इत्यादि।
- संचार फर्म – भारती एयरटेल , रिलायंस कम्युनिकेशंस, आइडिया सेल्युलर इत्यादि।
स्व रोजगार [Self employment]
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों के लिए एक श्रेष्ठ और उत्कृष्ट करियर विकल्प स्व-रोज़गार है। यह क्षेत्र इसलिए भी लोकप्रिय है कि यहां पर छात्रों अपनी करियर में ग्रोथ की संभावना बहुत अधिक होती है जो की कही जॉब कर नहीं मिल पाती है। पॉलिटेक्निक संस्थानों में शिक्षण के समय सभी डिप्लोमा कोर्सेज में विशेष रूप से संबंधित विषय के व्यावहारिक या अनुप्रयोग सम्बन्धी पहलुओं पर छात्रों को मूल रूप से प्रशिक्षित करते हैं। यह छात्रों को विशेष रूप से मूल बातें सीखने के लिए तैयार करता है और अपना खुद का अपना व्यवसाय/बिज़नेस शुरू करने के काबिल बनाता है।