वोडाफोन टैक्स विवाद: वोडाफोन से 3 जनवरी 2013 को 14,200 करोड़ रुपए के टैक्स (बिना पेनाल्टी के) की मांग की गई। वोडाफोन ने 2014 में इस फैसले को चुनौती दी और जब दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बन पाई तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कंपनी को 22,100 करोड़ रुपए का टैक्स नोटिस भेज दिया;। ये भी कहा गया; कि टैक्स न भरने पर वोडाफोन की भारत में स्थित संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।
क्या है वोडाफोन टैक्स विवाद?
वोडाफोन साल 2007 में हांगकांग के हचिसन ग्रुप के मालिक Hutchison Whampoa के मोबाइल बिजनेस हचिसन-एस्सार में 11 अरब डॉलर निवेश कर 67 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदी थी। इस डील के साथ ही उसने भारतीय टेलिकॉम सेक्टर में कदम रखा था। इस डील को लेकर भारतीय इनकम टैक्स डिपार्टमेंट वोडाफोन से कैपिटल गेन टैक्स की मांग कर रहा था; इसके कुछ समय बाद रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स भी मांगा गया।
साल 2007 में हुई इस डील को लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट लगातार विद होल्डिंग टैक्स की डिमांड कर रहा था; वोडाफोन ने साल 2012 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।
सिंगापुर अदालत में भारत सरकार द्वारा वोडाफोन को चुनौती
रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स विवाद (retrospective tax dispute) में लगातार दूसरी शिकस्त के बाद केंद्र सरकार ने वोडाफोन (Vodafone tax dispute) मामले को लेकर हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत (international arbitration court) के फैसले को सिंगापुर में चुनौती दी है। रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स विवाद से जुड़ा यह विवाद 2 अरब डॉलर ( करीब 15000 करोड़) का है।
साल 2016 में वोडाफोन ने भारत सरकार के खिलाफ सिंगापुर के इंटरनैशनल आर्बिट्रेशन कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। यह मामला लाइसेंस फीस और एयरवेब्स के इस्तेमाल पर रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स क्लेम को लेकर दर्ज कराया गया था। इसी तरह के दूसरे विवाद में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने यूरोपियन ऑयल कंपनी केयर्न एनर्जी ( Cairn Energy) के पक्ष में फैसला सुनाया है; कोर्ट के फैसले के बाद अब भारत सरकार को इस कंपनी को 8800 करोड़ की रकम चुकानी होगी।
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