By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Times DarpanTimes DarpanTimes Darpan
  • Home
  • Politics
  • Constitution
  • National
  • Bookmarks
  • Stories
Times DarpanTimes Darpan
  • Home
  • Politics
  • Constitution
  • National
  • Bookmarks
  • Stories
Search
  • Home
  • Politics
  • Constitution
  • National
  • Bookmarks
  • Stories
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2024 Times Darpan Academy. All Rights Reserved.

विश्व मलेरिया दिवस

Gulshan Kumar
Last updated: 2020-04-28 21:00
By Gulshan Kumar 890 Views
Share
5 Min Read
विश्व मलेरिया दिवस

प्रत्येक वर्ष “विश्व मलेरिया दिवस” 25 अप्रैल को मनाया जाता है। इस साल “विश्व मलेरिया दिवस” की थीम है – शून्य मलेरिया मुझसे ही शुरू होता है। “Zero malaria starts with me.” ‘विश्व मलेरिया दिवस’ 25 अप्रैल 2008 को मनाया गया था। यूनिसेफ़ द्वारा इस दिन को मनाने का उद्देश्य मलेरिया जैसे ख़तरनाक रोग पर जनता का ध्यान केंद्रित करना था, जिससे हर साल लाखों लोग मरते हैं।

Contents
विश्व मलेरिया दिवस – मुख्य तथ्यभारत में मलेरिया रोकने का प्रयासमलेरिया से हुए नुकसानविश्व स्वास्थ्य संगठन का कदमइससे होने वाली बीमारी

विश्व मलेरिया दिवस – मुख्य तथ्य

  • मलेरिया प्लास्मोडियम गण के प्रोटोज़ोआ परजीवियों से फैलता है। इस गण के चार सदस्य मनुष्यों को संक्रमित करते हैं – प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम, प्लास्मोडियम विवैक्स, प्लास्मोडियम ओवेल तथा प्लास्मोडियम मलेरिये।
  • इनमें सर्वाधिक खतरनाक पी. फैल्सीपैरम माना जाता है। यह मलेरिया के 80 प्रतिशत मामलों और 90 प्रतिशत मृत्युओं के लिए जिम्मेदार होता है।
  • यह मुख्य रूप से अमेरिका, एशिया और अफ्रीका महाद्वीपों के उष्ण तथा उपोष्णकटिबंधी क्षेत्रों में फैला हुआ है।

भारत में मलेरिया रोकने का प्रयास

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रकाशित 2018 के विश्व मलेरिया प्रतिवेदन के अनुसार मलेरिया से सर्वाधिक ग्रस्त 11 देशों में भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ मलेरिया के मामलों में अच्छी-खासी कमी आई है।
  • इसका अभिप्राय है कि मलेरिया को समाप्त करने के वैश्विक प्रयासों का नेतृत्व अब भारत के हाथ में आ गया है। भारत से प्रेरणा लेकर अन्य देश मलेरिया से निपटने की प्रेरणा ले सकते हैं।
  • भारत को मलेरिया हटाने में सफलता इसलिए मिली है कि एक ओर जहाँ वह विश्व-भर में अपनाई गई रणनीति के अनुरूप चल रहा है तो दूसरी ओर अपना स्वदेशी मलेरिया-विरोधी कार्यक्रम भी चला रहा है।
  • 2015 में पूर्व एशिया शिखर सम्मलेन में 2030 तक मलेरिया समाप्त करने का वचन देने के उपरान्त भारत ने इसके लिए एक पंचवर्षीय राष्ट्रीय रणनीतिक योजना का अनावरण किया था।
  • इसमें मलेरिया को नियंत्रित करने के स्थान पर उसे समाप्त करने पर बल दिया गया था।
    ओडिशा राज्य एक मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चला रहा है जिसका नाम दुर्गम अंचलेर मलेरिया निराकरण (DAMAN) रखा गया है।

मलेरिया से हुए नुकसान

  • मलेरिया से निपटने के लिए समय समय पर टेक्निकल, फाइनेंसशियल, ऑपरेशन और प्रशासनिक समस्याओं में उतार चढ़ाव देखे गए हैं।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने विश्व मलेरिया रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 के दौरान भारत में साल 2016 के मुकाबले साल 2017 में मलेरिया के मामलों में 24 फीसद की कमी पाई गई है।
  • मलेरिया पर नियंत्रण पाने के लिए भारत का खर्च दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे कम है।
  • WHO के अनुसार, मलेरिया को खत्म करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में जागरुकता फैलाने की अधिक आवश्यकता है।
  • दक्षिण-पूर्व एशिया में कुल मलेरिया के 70 प्रतिशत मामले और मलेरिया से होने वाली 69 प्रतिशत मौतें भारत में होती हैं।
  • मलेरिया सबसे प्रचलित संक्रामक रोगों में से है। यह रोग प्लाज्मोडियम गण के प्रोटोजोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है।
  • केवल चार प्रकार के प्लाज्मोडियम परजीवी मनुष्य को प्रभावित करते हैं, जिनमें सर्वाधिक खतरनाक प्लाज्मोडियम फैल्सीपैरम तथा प्लाज्मोडियम विवैक्स माने जाते हैं।
  • प्लाज्मोडियम ओवेल तथा प्लाज्मोडियम मलेरिया मानव को प्रभावित करते हैं। इन सभी समूहों को ‘मलेरिया परजीवी’ कहते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कदम

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार पिछले 15 वर्षों में मलेरिया को रोकने के लिए कई प्रयास किए गए। मच्छरदानी और दूसरे उपायों के बाद भी इस पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका है।
  • इसके लिए वैक्सीन बेहतर विकल्प है। इसकी सहायता से हजारों बच्चों को मृत्यु से बचाया जा सकता है।
  • भारत ने साल 2030 तक मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। जबकि साल 2027 तक पूरे देश को मलेरिया मुक्त बनाया जाएगा। इसके लिए शासन स्तर पर कई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।

इससे होने वाली बीमारी

मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनोफ़िलेज़ (Anopheles) मच्छर है। इसका इलाज और रोकथाम की जा सकती है। मलेरिया के आम लक्षण बुखार, ठंड लगना, उल्टी होना, मिचली, बदन-दर्द, सिर-दर्द, खाँसी और दस्त है।

Share This Article
Facebook Twitter Copy Link Print
Share
Previous Article औद्योगिक संबंध संहिता अधिनियम औद्योगिक संबंध संहिता अधिनियम, 2019
Next Article भारत का भूगोलिक पृष्ठ्भूमि भारत का भूगोलिक पृष्ठ्भूमि
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest Article

Metamorphism
मेढक का जीवन चक्र और उससे संबंधित पूछे जाने वाली प्रश्न
MISC Tutorials
Tick life cycle
टिक का लाइफ चक्र तथा उससे सम्बंधित पूछें जाने वाले प्रश्न
MISC Tutorials Science and Tech
टोक्सोप्लाज्मा गोंडी जीवन चक्र तथा उससे सम्बंधित पूछें जाने वाले 3 प्रश्न
Science and Tech
photo-1546548970-71785318a17b
Vitamin C की कमी के 5 चेतावनी संकेत
MISC Tutorials
Population Ecology
Population क्या होता है? इसके संबंधित विषयों की चर्चा
Eco System
Times Darpan

Times Darpan website offers a comprehensive range of web tutorials, academic tutorials, app tutorials, and much more to help you stay ahead in the digital world.

  • contact@edu.janbal.org

Introduction

  • About Us
  • Terms of use
  • Advertise with us
  • Privacy policy
  • My Bookmarks

Useful Collections

  • NCERT Books
  • Full Tutorials

Always Stay Up to Date

Join us today and take your skills to the next level!
Join Whatsapp Channel
© 2024 edu.janbal.org All Rights Reserved.
Go to mobile version
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?