जब कोई वस्तु तय अक्ष के चारों ओर घूर्णन (rotation) करता है, तो उसे घूर्णन गति (rotational motion) कहा जाता है। यह एक महत्वपूर्ण गति का प्रकार है जो कई उपयोगों में आता है।
यूलर के घूर्णन सिद्धांत
यूलर के घूर्णन प्रमेय (theorem) के अनुसार एक ही समय में स्थिर या तय अक्ष (axis) के चारों ओर समकालीन घूर्णन असंभव है। अगर एक ही समय में दो घूर्णन प्रक्रिया होती है, तो उनका एक अक्ष बन जाता है। इस प्रकार की गति तब अवतरित होती है जब वह घूर्णन अक्ष के सतह के सीधे हो रहा होता है।
किसी अनम्य (rigid) वस्तु की स्थिर अक्ष के चारों ओर की गतिशीलता उसी वस्तु के मुक्त घूर्णन गति के अपेक्षा कहीं बेहतर होता है। घूर्णन गति एक सीधी दिशा में हो रही रखी गति के अनुरूप काम करती है।
घूर्णन गति के उपयोग
घूर्णन गति तब अवतरित होती है जब कोई वस्तु एक वृत्त के अनुसार सीधी रेखा (straight line) में भ्रमण करती है। इस रेखा को घूर्णन अक्ष कहा जाता है। फिर त्रिज्या सदिश (radius vector) वस्तुओं के सारे अक्ष से होते हुए एक ही समय में सामान कोणीय विस्थापन (angular displacement) से गुजरती है।
किसी भी घूर्णन गति को हम तीन कोणीय विस्थापन जो कि तीन आयताकार समन्वय (rectangular coordinates) x, y एवं z के हिसाब से रहती है, मान लेते हैं। उदाहरण के लिए, द्रव्यमान केंद्र (centre of mass)।
अगर कोई वस्तु घूर्णन गति में है
अगर कोई वस्तु rotational motion में है तो हम आसानी से उसका विस्थापित गति निकाल सकते हैं। अगर कोई वस्तु किसी दूसरे वस्तु (जोकि अनम्य वस्तु है) के अपेक्षा या तो आराम की स्थिति में या गतिशील अवस्था में है, तो उसके द्रव्यमान गति का त्वरण हम इस प्रकार निकालेंगे:
Fnet = M * acm
M वस्तु का कुल भार है और acm द्रव्यमान गति का त्वरण है।
स्थिर वस्तु की घूर्णन गति (rotational motion of a rigid body in hindi)
एक सीधी लाइन में गतिमान वस्तु की घूर्णन गति किसी स्थिर वस्तु से काफी अलग होती है।
एक स्थिर वस्तु वह होती है, जिसका एक निश्चित मास यानी वजन होता है और उसका आकार भी निश्चित होता है। स्थिर वस्तु की घूर्णन गति पता करने के लिए भी उन्हीं नियमों का पालन करना पड़ता है, जो गतिमान वस्तु में किया जाता है।
कोणीय विस्थापन क्या है? (angular displacement in hindi)
कोई भी चक्का जब घूम रहा होता है, तब समय सीमा के शुरुआत में जो त्रिज्या रहती है और अंत में जो त्रिज्या रहती है, उन दोनों के बीच के कोण को कोणीय विस्थापन कहते हैं। इसका SI यूनिट रेडियन होती है।
टार्क क्या है? (torque in hindi)
दरवाजा खोलते वक्त बीच से धक्का देके खोलने के अपेक्षा वह हैंडल का इस्तेमाल करने से आसानी से खुलता है। जिस परिमाण से और जितनी दुरी से हम हैण्डल पर बल लगाते हैं, उसके कारण दरवाजा घूम जाता है, इस प्रक्रिया को टार्क कहा जाता है।
इसको हम इस प्रकार व्यक्त करते हैं:
T = r * F Sin θ
F लगाया गया बल है, r त्रिज्या है एवं θ, r और F के बीच का कोण है।
घूर्णन जड़त्व क्या है? (Rotational Inertia in hindi)
जब कोई वस्तु घूर्णन करते वक्त अपनी गति का प्रतिरोध करती है, तो उसे घूर्णन जड़त्व कहा जाता है। इसको I के रूप में व्यक्त करते हैं और kg-m2 के रूप में मापा जाता है। यह वस्तु के भार पर निर्भर करता है। अगर वस्तु का भार बढ़ाया जाये तो उसका घूर्णन जड़त्व भी बढ़ जाता है। यह भार के वितरण पर भी निर्भर करता है।
अगर किसी वस्तु का भार m है और अक्ष से उसकी दुरी r है, तो घूर्णन गति को इस प्रकार व्यक्त किया जायगा:
I = m * r2
कोणीय गति क्या होती है? (Angular Momentum in hindi)
किसी घूमते हुए वस्तु को स्थिर गति में लाने के दौरान माप लेने का तरीका होता है, उसे कोणीय गति (L) कहा जाता है। इसको इस प्रकार व्यक्त किया जाता है:
L = r * v
यह स्थिर गति (linear momentum) की तरह संरक्षित (conservative) अवस्था में होता है।