भौतिक राशियाँ का अध्ययन प्रारंभ करने से पहले हमें यह जान लेना आवश्यक है कि भौतिकी (Physics) किसे कहते है? ‘Physics’ शब्द ग्रीक भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘प्रकृति’ या प्राकृतिक चीजें।
भौतिकी किसे कहते है?
प्रकृति के मूलभूत नियमों का अध्ययन एवं विभिन्न प्राकृतिक परिघटनाओं में उनकी अभिव्यक्ति के अध्ययन को भौतिकी कहा जाता है। उदाहरण के लिये पृथ्वी द्वारा प्रत्येक वस्तु पर गुरुत्वाकर्षण बल लगाया जाता है तथा सेब के टूटकर पृथ्वी पर गिरने की परिघटना में गुरुत्वाकर्षण बल की अभिव्यक्ति है।
‘Physics’ शब्द ग्रीक भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ है ‘प्रकृति’ या प्राकृतिक चीजें।
अध्ययन की सुविधा के लिये भौतिकी को निम्नलिखित भागों में बाँटा जा सकता है –
- यांत्रिकी
- तरंग गति
- ऊष्मा
- ध्वनि
- प्रकाशिकी
- विद्युत धारा एवं विद्युत चुंबकत्व
- आधुनिक भौतिकी
भौतिकी का अध्ययन प्रारंभ करने से पहले हमें यह जान लेना आवश्यक है कि भौतिकी में जिन परिघटनाओं, वस्तुओं या पदार्थों का अध्ययन किया जाता है उनके भौतिक गुणों को ‘भौतिक राशियों‘ के रूप में अभिव्यक्त करते हैं।
भौतिक राशियाँ (Physical Quantities)
किसी द्रव्य (Matter) की सही स्थिति या उचित मात्रात्मक स्थिति या किसी परिघटना की सटीक व्याख्या के लिये जिन पदों का उपयोग किया जाता है, उन्हें भौतिक राशियाँ कहते हैं।
भौतिक राशियाँ दो प्रकार की होती हैं-
- अदिश राशियाँ,
- सदिश राशियाँ
अदिश राशियाँ (Scalar Quantities)
वे भौतिक राशियाँ जिन्हें व्यक्त करने के लिये केवल परिमाण या (Magnitude) की आवश्यकता होती है अदिश राशियाँ कहलाती हैं।
- इन राशियों के साथ कोई दिशा नहीं होती।
- अदिश राशियों को सामान्य बीजगणितीय विधि से जोड़ा जा सकता है।
- ये जोड़ के त्रिभुज नियम का पालन नहीं करती हैं।
जैसे – दूरी, चाल, शक्ति, ऊर्जा लंबाई, क्षेत्रफल, आयतन, द्रव्यमान, घनत्व, तापमान, कार्य, विद्युत धारा तथा दाब
सदिश राशियाँ (Vector Quantities)
वे भौतिक राशियाँ, जिन्हें व्यक्त करने के लिये परिमाण के साथ-साथ दिशा की भी आवश्यकता होती है. सदिश राशियाँ कहलाती हैं।
- गणितीय क्रियाओं में सदिश राशियों के परिमाण और दिशा दोनों को ध्यान रखना आवश्यक होता है।
- सदिश राशियाँ जोड़ के त्रिभुज नियम का पालन करती हैं।
जैसे – विस्थापन, वेग, बल, संवेग, त्वरण, वजन/भार, विद्युत क्षेत्र, चुंबकीय क्षेत्र, विद्युत तीव्रता, विद्युत धारा तथा घनत्व
भौतिक राशियों का एक अन्य वर्गीकरण मूल राशियों एवं व्युत्पन्न राशियों के रूप में किया जा सकता है।
मूल राशियाँ (Fundamental Quantities)
वे भौतिक राशियाँ जो अन्य भौतिक राशियों से स्वतंत्र हैं, मूल राशियाँ कहलाती हैं।
उदाहरण- दूरी (लंबाई), समय, द्रव्यमान इत्यादि।
व्युत्पन्न राशियाँ (Derived Quantities)
वे भौतिक राशियाँ जो एक या एक से अधिक मूल राशियों पर निर्भर हैं, व्युत्पन्न राशियाँ कहलाती हैं।
उदाहरण- चाल (दूरी और समय पर निर्भर)।
मापन की इकाइयाँ (Units of Measurement)
सभी भौतिक राशियों को मापने के लिये दो तथ्यों का ज्ञान आवश्यक है-
- ऑकिक मान (Numerical Value) और
- मात्रक या इकाई (Unit)।
ऑकिक मान (Numerical Value)
उदाहरण- यदि किसी पात्र में रखे पानी की मात्रा को मापना है और हम इसका भार जानना चाहते हैं, तो भार का आंकिक मान मात्रक के साथ प्रयोग करेंगे, जैसे- 5 किलोग्राम। वहीं, यदि पानी का आयतन जानना है तो आयतन का ऑकिक मान मात्रक के साथ प्रयुक्त होगा, जैसे- 5 लीटर।
मात्रक या इकाई (Unit)।
किसी भौतिक राशि को मापने के अंतर्राष्ट्रीय रूप से स्वीकृत मानक को इकाई या मात्रक कहा जाता है। भौतिक राशियों के एक निश्चित परिमाण को मानक मानकर तथा उन्हें विभिन्न नाम देकर संबंधित राशियों के मात्रकों का निर्माण किया गया है।
मात्रक के दो प्रकार होते हैं-
- मूल मात्रक,
- व्युत्पन्न मात्रक
1. मूल मात्रक (Fundamental Units)
मूल राशियों को व्यक्त करने के लिये प्रयुक्त मात्रकों को मूल मात्रक कहते हैं। ये अन्य मानकों से स्वतंत्र होते हैं।
उदाहरण –
- लंबाई का मात्रक – मीटर
- समय का मात्रक – सेकंड
भौतिक राशियों की विमाएँ
किसी भौतिक राशि की विमाएँ उन घातों (या घातांकों) को कहते हैं जिन्हें उस राशि को व्यक्त करने के लिये मूल राशियों पर चढ़ाना पड़ता है।
किसी भौतिक राशि की प्रकृति की व्याख्या उसकी विमाओं द्वारा की जाती है। मूल राशियों के विमीय सूत्र स्वतंत्र रूप से निर्धारित किये गए हैं तथा व्युत्पन्न राशियों के विमीय सूत्र मूल राशियों के घातांकों के रूप में व्यक्त किये जाते हैं।
मूल राशियाँ एवं उनके विमीय सूत्र-
- लंबाई = L
- द्रव्यमान = M
- समय = T
- ताप = K
- विद्युत धारा = A
- ज्योति तीव्रता = cd
- पदार्थ की मात्रा =mol
2. व्युत्पन्न मात्रक (Derived Units)
वे मात्रक जो मूल मात्रकों से प्राप्त होते हैं या इनसे निगमित किये जाते हैं, व्युत्पन्न मात्रक कहलाते हैं।
जैसे-
- मीटर, लंबाई और सेकंड, समय का मूल मात्रक है।
- इनसे व्युत्पन्न मात्रक मीटर / सेकंड चाल का मात्रक है।
मात्रक पद्धतियाँ (Systems of Units)
भौतिक राशियों के मापन में प्रयुक्त ‘मात्रकों’ के लिये चार पद्धतियाँ हैं –
- MKS पद्धति
- CGS पद्धति
- FPS पद्धति
- SI पद्धति

SI पद्धति (The International System of Units)
SI पद्धति MKS पद्धति का ही संशोधित एवं परिवर्तित रूप है। सन् 1960 में अंतर्राष्ट्रीय माप-तौल अधिवेशन में SI पद्धति को सर्वमान्य घोषित किया गया। अब इसी पद्धति को मानक रूप में प्रयोग में लाया जाता है।
इस पद्धति के अंतर्गत 7 मूल मात्रकों तथा दो संपूरक मात्रकों (Supplementary Units) को स्वीकार किया गया है। 7 मूल मात्रकों में पदार्थ की मात्रा के लिये मात्रक ‘मोल’ को 1971 में मान्यता दी गई थी। तब से अभी तक मूल मात्रकों की संख्या 7 ही है।
SI पद्धति के सात मूल मात्रक –
क्रमांक | भौतिक राशि | SI मात्रक | प्रतीक | विमा |
---|---|---|---|---|
1. | लंबाई | मीटर (metre) | m | [L] |
2. | द्रव्यमान | किलोग्राम (kilogram) | kg | [M] |
3. | समय | सेकंड (second) | s | [T] |
4. | विद्युत धारा | ऍपियर (ampere) | a | [A] |
5. | ताप | केल्विन (kelvin) | k | [K] |
6. | ज्योति तीव्रता | कैंडिला (candela) | cd | [cd] |
7. | पदार्थ की मात्रा | मोल (mole) | mol | [mol] |
SI पद्धति के दो संपूरक मात्रक (Two Supplementary Units of SI system)
1. | समतल कोण (Plane Angle) | रेडियन (Radian) | rad |
2. | ठोस कोण (Solid Angle) | स्टेरेडियन (Steradian) | sr |
रेडियन (Radian)
वह कोण, जो वृत्त की त्रिज्या के बराबर चाप के द्वारा वृत्त के केंद्र पर बनाता है, एक रेडियन कहलाता है।
स्टेरेडियन (Steradian)
घन कोण का वह मान जो गोले के पृष्ठ के उस भाग द्वारा जिसका क्षेत्रफल गोले की त्रिज्या के वर्ग के बराबर होता है, गोले के केंद्र पर बनाया जाता है, एक स्टेरेडियन (sr) कहलाता है।
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