गुणवत्ता एक आवश्यक तथा विभेदीकरण का गुण है जो किसी वस्तु की किसी व्यक्ति द्वारा जो उसकी विशेषता की अभिव्यक्ति का आकलन किया जाता है । प्रत्येक वस्तु तथा व्यक्ति की अपनी गुणवत्ता होती है, जो उस वस्तु की माँग पर निर्भर होती है । इसका आशय किसी वस्तु के गुणों को कोई कितना महत्व देता है, से है, प्रत्येक वस्तु की उपयोगिता एवं उत्तमता अलग-अलग होती है ओर प्रत्येक व्यक्ति गुणवत्ता का उल्लेख भी अपने ढंग से करता है । अतः किसी वस्तु को कोई कितना महत्व देता है यह उस वस्तु की गुणवत्ता मानी जाती है ।’’
गुणवत्ता के प्रकार
गुणवत्ता की परिभाषाओं तथा मूल्यांकन के आधार पर इसका विभाजन दो वर्गो में किया गया हैं –
1. व्यक्तिनिष्ठ गुणवत्ता
किसी व्यक्ति द्वारा किसी वस्तु के महत्व एवं उपयोगिता का आकलन अपने ढंग से करते हैं । वस्तु की प्रक्रिया के उत्पादन का मूल्यांकन वस्तुनिष्ठ तथा व्यक्तिगत रूप में ही किया जाता है । एक ही पाठ्यवस्तु किसी छात्रा की सरल और अन्य को कठिन लगती है परन्तु पाठ्यवस्तु का सीखने की प्रक्रिया वस्तुनिष्ठ होती है ।
2. वस्तुनिष्ठ गुणवत्ता
यह गुणवत्ता उस वस्तु की उपयोगिता से सम्बन्धित है जिसे प्रक्रिया द्वारा उत्पादन किया या उसकी रचना की गई है । इसका मानदण्ड पूर्व निर्धारित होता है जो उसका अन्तिम लक्ष्य होता है । जैसे अध्यापक शिक्षा के कार्यक्रमों द्वारा शिक्षक वृत्तिका आचार संहिता और शिक्षणशास्त्राीय तत्वों क विकास करता है । इन गुणों के विकास का मूल्यांकन तथा प्रशिक्षण वस्तुनिष्ठ रूप में किया जा सकता हैं ।
गुणवत्ता की विशेषताएँ
गुणवत्ता एक विशेषता तथा प्रक्रिया हैं जो किसी वस्तु तथा प्रक्रिया की उत्तमता तथा उपयोगिता मापी जाती हैं। जिससे वस्तु का विषमताओं को कम करते हैं । यह किसी व्यक्ति द्वारा किसी वस्तु के लिए अभिव्यत्तिफ की जाती हैं जो व्यक्ति की आवश्यकता पर निर्भर होती है । यह एक विशेषता के साथ एक विकास की सतत् प्रक्रिया है जिसमें रचना की जाती है और लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास किया जाता हैं ।
इसका तात्पर्य सही कार्य की सही ढंग, सही दिशा, सही उत्पादन में करने से होता है तथा इसके अनुरक्षण से प्रणाली में सुधार की आवश्यकता होती है जो मानव की श्रेष्ठता की अभिव्यक्ति तथा उसके कार्यो की विशेषताओं को भी दर्शाता है ।
निष्कर्ष
इस प्रकार गुणवत्ता उत्पादन सेवाओं की एक प्रणाली है, जिसमें अभिसूचनायें, लक्ष्य, आवश्यकताओं, विषमताओं की शिक्षा की उपलब्धियों द्वारा पूर्ति की जाती है । शिक्षा द्वारा उत्पादन होता है । वह वस्तुनिष्ठ तथा व्यक्तिनिष्ठ दोनों प्रकार का होता हैं । शिक्षा की गुणवत्ता के मानदण्डों में अधिक विषमता होती है । इसे सुनिश्चित करना सम्भव नहीं है ।
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